बिहार की राजधानी पटना से सटे बख्तियारपुर दियारा क्षेत्र में बड़ा खुलासा हुआ है। यहां बाढ़ पीड़ितों के लिए दी जाने वाली सहायता राशि मृतकों के बैंक खातों में भी भेज दी गई। हरदासपुर दियारा, कालादियारा, रूपस महाजी, चिरैया रूपस और रामनगर सतभैया पंचायतों में बाढ़ प्रभावितों को सात-सात हजार रुपये मिले हैं। लेकिन इनमें कई लाभार्थी ऐसे हैं जिनका निधन पहले ही हो चुका है।
बाढ़ राहत: लापरवाही या घोटाला?
यह मामला तब उजागर हुआ जब मृतकों के खातों में बाढ़ सहायता की राशि आई। हरदासपुर दियारा के रहने वाले राम बालक राय, दीना राय, कैलाश राय, राम किशुन राय और अलखदेव राय, जिनका निधन 2024 से पहले हो चुका था, उनके बैंक खातों में भी पैसे जमा हुए। इसी तरह, अन्य चार पंचायतों में भी सैकड़ों मृतकों के खातों में राहत राशि भेजी गई है।
सूची में गैर-निवासी और मृतक शामिल
हरदासपुर दियारा के मुखिया मनोज कुमार ने बताया कि उनके पंचायत की सूची में सौ से अधिक लोग ऐसे हैं जो यहां के निवासी ही नहीं हैं। साथ ही 8-10 लोगों का निधन हो चुका है, फिर भी उनके खातों में राशि भेज दी गई। उनका आरोप है कि बाढ़ पीड़ितों की सूची बनाने में अनुश्रवण समिति या मुखिया की राय नहीं ली गई।
पति-पत्नी के खातों में भी आई राशि
मुखिया ने आरोप लगाया कि रूपस महाजी पंचायत के कई वार्डों में पति-पत्नी दोनों के खातों में बाढ़ सहायता राशि भेजी गई है। हरदासपुर के मृतक राम बालक राय, दीना राय, कैलाश राय, राम किशुन राय और अलखदेव राय सहित कई लोगों के खातों में 7-7 हजार रुपये की राशि जमा हुई है, जबकि इनका निधन वर्ष 2024 से पहले हो चुका है।
प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया
इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब मृतकों के परिवारों को खाते में राशि आने की जानकारी मिली। स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा अधिकारियों को स्थिति से अवगत करा दिया गया है। बख्तियारपुर के सीओ निरंजन कुमार ने बताया कि शिकायत मिली है और जांच के बाद गलत तरीके से भेजी गई राशि को वापस कराने की कार्रवाई की जाएगी।