Bihar Assembly Election 2025 में किसकी जीत होगी—NDA या Mahagathbandhan यह कहना अभी जल्दबाज़ी होगी। लेकिन इतना तय है कि इस बार का चुनाव राज्य के मुख्यमंत्री Nitish Kumar के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। 20 साल पहले सुशासन और विकास की राजनीति से सत्ता में आए नीतीश कुमार को अब कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार नीतीश कुमार का करिश्मा पहले जैसा असरदार नहीं दिख रहा। भ्रष्टाचार से लेकर Law and Order, उम्र और स्वास्थ्य की स्थिति और NDA में Internal Conflict ने उनकी राह को कठिन बना दिया है। आइए जानते हैं विस्तार से कि 2025 का यह चुनाव उनके लिए क्यों मुश्किल होता जा रहा है।
पहला कारण – Bureaucracy और Corruption का जाल
नीतीश कुमार का सबसे बड़ा हथियार “सुशासन” और Clean Image रहा है। लेकिन अब यही हथियार उन पर भारी पड़ता दिख रहा है। Block level से लेकर Secretariat तक Corruption की गूंज सुनाई देने लगी है। Education, Revenue, Road Construction और Health जैसे विभागों में लगातार घोटाले और घूसखोरी के मामले सामने आ रहे हैं।
हाल ही में Engineer Vinod Kumar Rai के ठिकानों से करोड़ों की रकम बरामद हुई। ED Investigation में IAS Sanjeev Hans तक का नाम सामने आया। वहीं कई DEO, CO और BDO पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे। SultanGanj-Aguwani Bridge कई बार ढहकर इस भ्रष्टाचार की पोल खोल चुका है। जनता के बीच अब यह धारणा मजबूत हो रही है कि नीतीश सरकार का “Sushasan” केवल नारा बनकर रह गया है।
दूसरा कारण – Crime और Law & Order पर सवाल
2005 से 2010 तक नीतीश कुमार की Law and Order पर पकड़ मज़बूत मानी जाती थी। लोग Jungle Raj से निकलकर राहत महसूस कर रहे थे। लेकिन हाल के वर्षों में अपराध (Crime) और Shootout की घटनाएं बढ़ने लगीं। Patna की सड़कों पर खुलेआम फायरिंग, Businessmen की हत्याएं और Rape Cases ने नीतीश के “सुशासन” की छवि को धूमिल कर दिया है।
RJD तक अब नीतीश सरकार पर अपराध का बुलेटिन जारी करने लगी है। ADG ATS पंकज दराद के सामने सड़क पर गोलीबारी होना, Crime Control में सरकार की कमजोरी को उजागर करता है।
तीसरा कारण – Age & Health Factor
70 साल की उम्र पार कर चुके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब Age Factor से भी जूझ रहे हैं। Political Campaign और Public Meeting में उनकी थकान साफ दिखाई देने लगी है। हाल के दिनों में कई बार उनके व्यवहार ने भी विवाद खड़ा किया। IAS Siddharth के सिर पर गमला रख देना या Deputy CM Samrat Choudhary को मंच पर हल्का धक्का देना इसी थकान और उम्र का संकेत माना जा रहा है।
चौथा कारण – NDA में कलह और Seat Sharing Dispute
एक समय था जब NDA में नीतीश कुमार की बात ही अंतिम मानी जाती थी। लेकिन अब BJP और JDU नेताओं के बीच टकराव खुलकर सामने आ रहा है। Deputy CM Vijay Kumar Sinha और Minister Ashok Choudhary कई बार कैबिनेट मीटिंग में भिड़ चुके हैं।
Lakhisarai Seat को लेकर Lalan Singh और विजय सिन्हा के बीच विवाद ने भी माहौल गरमा दिया है। वहीं Mokama Seat से Anant Singh की उम्मीदवारी ने JDU के अंदर नई खींचतान पैदा कर दी है। Seat Sharing को लेकर BJP और JDU नेताओं की खींचतान चुनाव के समय बड़ा मुद्दा बन सकती है।
नतीजा – 2025 की राह मुश्किल
इन चार कारणों से साफ है कि Bihar Election 2025 नीतीश कुमार के लिए बेहद कठिन साबित हो सकता है। जहां एक ओर NDA का कुनबा अंदरूनी कलह से जूझ रहा है, वहीं महागठबंधन बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर आक्रामक है।
अगर नीतीश कुमार इन चुनौतियों से पार नहीं पाए तो 2025 का चुनाव उनकी राजनीतिक विरासत (Political Legacy) को सबसे बड़ी परीक्षा में डाल देगा।