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August 21, 2025

बिहार सरकार ने बंद पड़ी फैक्ट्रियों को फिर से शुरू करने का खोला रास्ता – BIADA Amnesty Policy 2025 से नए युग की शुरुआत

The CSR Journal Magazine
बिहार में अगर आपकी फैक्टरी लंबे समय से बंद पड़ी है, तो अब उसे फिर से शुरू करना पहले से कहीं अधिक आसान हो गया है। राज्य सरकार ने BIADA Amnesty Policy 2025 के तहत एक विशेष योजना लागू की है, जिसके जरिए बंद पड़ी या आंशिक रूप से क्रियाशील इंडस्ट्रीज को फिर से सक्रिय किया जा सकता है।
इस नीति का लक्ष्य न केवल पुराने Industrial Plots को दोबारा उपयोग में लाना है, बल्कि बिहार में Industrialization को बढ़ावा देना और Employment Generation की नई संभावनाएं खड़ी करना भी है। यह पहल जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद संजय झा द्वारा हाल ही में साझा किए गए 2025-30 के विकास विज़न का हिस्सा है।

तीन दिन में Factory Reopen का मौका

BIADA द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, जिन इंडस्ट्रियल यूनिट्स को अब तक किसी और को Land Allotment नहीं किया गया है, उन्हें तीन दिन के अंदर फिर से चालू करने की अनुमति दी जा सकती है। इसके लिए उद्यमियों को Online या Offline Application जमा करना होगा, जिसमें एक Affidavit और जरूरी दस्तावेज़ संलग्न करने होंगे।
इसके बाद BIADA को तीन दिन के भीतर In-Principle Approval देना होगा। इस प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध बनाया गया है ताकि उद्यमियों को अनावश्यक देरी का सामना न करना पड़े।

Court Cases का निपटारा और 7 दिन में अंतिम मंजूरी

जैसे ही तीन दिन में In-Principle Approval मिल जाता है, आवेदक को संबंधित इंडस्ट्री से जुड़े Court Cases को वापस लेना होगा। इसके बाद सात दिनों के भीतर BIADA द्वारा अंतिम स्वीकृति दी जाएगी, जिससे फैक्टरी दोबारा शुरू की जा सके।
इस पूरी प्रक्रिया में आवेदक को केवल Land Rate का 1% Administrative Fee के रूप में देना होगा, वह भी तब जब सभी औपचारिकताएं पूरी हो जाएं और कोर्ट केस वापस ले लिए जाएं।

पुराने और नए उद्यमियों दोनों को मिलेगा लाभ

इस योजना का लाभ केवल पुराने उद्यमी ही नहीं, बल्कि इच्छुक नए उद्यमी भी उठा सकते हैं। उन्हें यह छूट दी गई है कि वे पुराने प्लॉट पर या तो खुद इंडस्ट्री चला सकते हैं या उसे किसी अन्य को Transfer भी कर सकते हैं। इसके अलावा, उन्हें Product Modification यानी उत्पाद में बदलाव का विकल्प भी दिया गया है।

राज्य सरकार की निगरानी में चलेगा प्रोजेक्ट

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर देखी जा रही इस नीति पर स्वयं Chief Secretary (जल्द पदभार ग्रहण करने वाले प्रत्यय अमृत) की निगरानी होगी, जिससे इसका क्रियान्वयन प्रभावी और निष्पक्ष तरीके से हो सके।

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