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August 13, 2025

भोजपुर में गंगा उफनाई तो कई घर धराशाई, पलायन को मजबूर हुए लोग।

The CSR Journal Magazine
  बिहार के भोजपुर जिले में गंगा, सोन और गंडक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. जिससे बाढ़ की स्थिति धीरे-धीरे गंभीर होती जा रही है। नदी में कटाव के कारण लोगों के घर नदी में विलीन हो रहे है।

बाढ़ के रौद्र रूप से डरे भोजपुर जिले के कई इलाकों के लोग

गंगा के रौद्र रूप से घबराए लोग घरों से निकल सुरक्षित जगह तलाशने में लगे हुए हैं । नदियों का जलस्तर बढ़ने का सीधा असर तटीय क्षेत्रों और निचले इलाकों पर पड़ रहा है. जिससे जिले के कई गांवों का संपर्क कट चुका है हालांकि बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी लगातार स्थिति पर निगरानी बनाए हुए हैं.

जिला प्रशासन पर खानापूर्ति का आरोप :

बड़हरा प्रखंड के ग्रामीण सुबोध राय ने बताया कि यहां बहुत बुरा हाल है. जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ निरोधी कार्य तो करवाया जा रहा है, लेकिन बाढ़ निरोधी कार्य के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. कहीं-कहीं बोरे में बालू की जगह सिर्फ मिट्टी भरी जा रही है. जिससे कटाव रोकने की जगह बोरे भी कटाव में बह रहे हैं.
गंगा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण शाहपुर और बड़हरा प्रखंड के गंगा नदी से सटे दियारा इलाके व आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गांव के लोग अपने सामानों को लेकर अपने सुरक्षित स्थान पर अब जाने लगे हैं, गंगा किनारे सटे दर्जनों घर भी धीरे-धीरे विलीन हो रहे है।

भोजपुर जिले के कई इलाकों में गंगा नदी अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जो ग्रामीणों में दहशत का पर्याय बन चुकी है, जिस तरह से गंगा नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, उससे आशंका जतायी जा रही है कि जल्द ही क्षेत्र के निचले मैदानी इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन जाएंगे, वही बाढ़ का जायजा लेने जिले के कई वरीय पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और बाढ़ से ग्रसित लोगों से मुलाकात की और उनको आश्वासन दिलाया कि आप लोगों को सुरक्षा के लिए हम लोग हमेशा तत्पर रहेंगे घबराने की कोई बात नहीं है, पिछले कई वर्षों क्षेत्र में आई प्रलयकारी बाढ़ ने प्रखंड के तटवर्ती इलाकों में रह रहे लोगों को बड़े पैमाने पर जान-माल की क्षति पहुंचायी थी ,बाढ़ के मंजर को याद कर आज भी लोगों के रूह कांप जाते है।

गंगा नदी के निचले हिस्से में बसे ग्रामीणों का कहना है कि दो- तीन दिन से गंगा नदी तेज बहाव के साथ चल रही है। गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जैसे- जैसे गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। वैसे ही ग्रामीणों में बाढ़ को लेकर दहशत बन रही है। बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए लोग अभी से ही एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए है।हालांकि जिलाधिकारी भोजपुर तनय सुल्तानिया के निर्देश पर जिला प्रशासन ने भी कटाव रोकने के लिए जीओ बैग का सहारा ले रही है मगर गंगा के तेज धार में ये समाहित हो जा रहे हैं।

जिला प्रशासन ने शाहपुर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों में कम्युनिटी किचेन और पॉलीथिन का वितरण शुरू कर दिया है।मगर जिस तरह से गंगा में बड़े बड़े घर विलीन हो रहे हैं लोग अपने वर्षों की कमाई को यूं ही बर्बाद होता देख रोने को मजबूर हो गए हैं।

स्थानीय लोगों में रोष:

स्थानीय निवासियों ने बताया कि कटाव होते- होते गंगा नदी हमारे घरों के नजदीक आ गई है. ऐसे में आने वाले समय में गांव रहेगा ही नहीं. जिला प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है. सिर्फ जिला प्रशासन के बड़े अधिकारी द्वारा यह कहा गया है कि घर छोड़कर चले जाइए, लेकिन कहां जाएं यह जिला प्रशासन नहीं बताता है.

दूसरी जगह जमीन देने की उठी मांग:

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया की हमारी सरकार से यही मांग है कि हर साल यहां बाढ़ आती है. ऐसे में सरकार हमें दूसरी जगह जमीन मुहैया कराए, ताकि हम लोग सकुशल रह सकें. हम किसान हैं. हमारे खेत भी गंगा में समा गए हैं. अब जीवकोपार्जन का एकमात्र उपाय मजदूरी है.

 

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