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November 14, 2025

आतंकी साजिशों के निशाने पर राम मंदिर: सुप्रीम फैसले के बाद बढ़ी धमकियों की कड़ी

The CSR Journal Magazine
2025 में अयोध्या राम मंदिर को लेकर कई सुरक्षा खतरे सामने आए। ट्रस्ट को बम धमकी वाला ईमेल मिला, जबकि ISIS से जुड़े अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी ने हमले की साजिश का खुलासा किया। पुलिस ने मंदिर परिसर की सुरक्षा बढ़ाई, सीसीटीवी और तैनाती में इजाफा किया। हालांकि कोई बड़ा हमला नहीं हुआ, लेकिन खतरा बना रहा।
अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर को लेकर आतंकी संगठनों की नजर लगातार तीखी होती गई है। सुप्रीम कोर्ट के 2019 के ऐतिहासिक फैसले के बाद मंदिर परिसर को उड़ा देने और बाबरी मस्जिद दोबारा खड़ी करने की धमकियां कई बार दी जा चुकी हैं। पुलिस रिकार्ड में दर्ज तीन मुकदमे इन साजिशों की गंभीरता को उजागर करते हैं।
धमकियों की श्रृंखला: सुप्रीम फैसले के बाद बढ़ा षड़यंत्र
साल 2019 के बाद से राम मंदिर से जुड़े कई धमकी भरे संदेश सामने आए हैं। इन संदेशों में 4 किलो आरडीएक्स से मंदिर को नष्ट कर देने, आइइडी विस्फोट से उड़ा देने और बाबरी मस्जिद को फिर से तामीर करने की बातें तक कही गईं।
ये बातें किसी फिल्मी संवाद की तरह लगती जरूर हैं, लेकिन इनकी भयावहता ने हर बार रामनगरी की शांति को झकझोरा है। दिल्ली धमाके में बाबरी कनेक्शन सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ गई है, खासकर इसलिए क्योंकि जल्द ही मंदिर परिसर में ध्वजारोहण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के शामिल होने की संभावना है।

रामजन्मभूमि ट्रस्ट को मिली ईमेल धमकी

12 अप्रैल को रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की आधिकारिक मेल आईडी पर एक संदिग्ध मेल आया। इसमें मंदिर को आइइडी विस्फोट में उड़ाने की बात कही गई थी। ट्रस्ट के अकाउंट अफसर ने इस संबंध में साइबर क्राइम थाने में एफआइआर दर्ज कराई। हालांकि आठ महीने बीतने के बाद भी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि धमकी किस स्थान या किस व्यक्ति द्वारा भेजी गई थी। जांच अभी भी जारी है।

हेल्पडेस्क नंबर पर आतंकियों का संदेश

अगस्त 2024 में ट्रस्ट के हेल्पडेस्क नंबर पर एक और धमकी भरा संदेश मिला। इसमें राम मंदिर को आरडीएक्स से नष्ट कर मस्जिद बनाने की बात कही गई थी। मामले की जांच में यह धमकी बिहार के भागलपुर से जुड़ी पाई गई। पुलिस ने वहां से दो लोगों मकसूद और अमनको गिरफ्तार कर जेल भेजा, लेकिन इनके पीछे किस बड़े षड़यंत्रकारी का हाथ था, यह अभी तक रहस्य ही है।

फरवरी 2023 की धमकी

फरवरी 2023 में रामलला सदन में रहने वाले मनोज कुमार तिवारी के मोबाइल पर धमकी भरा मैसेज आया, जिसमें रामजन्मभूमि को बम से उड़ाने की बात कही गई थी। इस मामले में भी थाना रामजन्मभूमि में मुकदमा दर्ज है और जांच एक बार फिर आतंकी मानसिकता की ओर इशारा करती है।

आतंकी संगठनों की भूमिका

राम मंदिर को नुकसान पहुंचाने की कोशिशों में कई अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन समय-समय पर सामने आते रहे हैं। दो वर्ष पूर्व एक वैश्विक जिहादी समूह ने अपनी पत्रिका में स्पष्ट रूप से लिखा था कि अलकायदा राम मंदिर को गिरा कर वहां मस्जिद बनाएगा। जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर 2018 में अपने एक ऑडियो संदेश में राम मंदिर निर्माण के खिलाफ भारत से काबुल तक तबाही मचाने की धमकी दे चुका है।

पीएफआइ की साजिश

पीएफआइ की जांच में यह सामने आया कि वह वर्ष 2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की योजना के तहत अयोध्या में बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण को अपनी मुख्य रणनीति का हिस्सा मान रहा था। स्थानीय स्तर पर उनके मोहरे भी तैनात किए गए थे, जिनका खुलासा संगठन के दो गुर्गों की गिरफ्तारी के बाद हुआ।
रामनगरी इससे पहले भी आतंक का दर्द झेल चुकी है। 5 जुलाई 2005 को रामजन्मभूमि पर पांच आतंकियों ने हमला किया था, जिन्हें सुरक्षाबलों ने मार गिराया। साल 2007 में कचहरी सीरियल ब्लास्ट ने अयोध्या को फिर दहला दिया था।

सुरक्षा एजेंसियों के लिए लगातार चुनौती

अयोध्या का राम मंदिर आतंकी संगठनों के निशाने पर लगातार बना हुआ है। ये धमकियां केवल संदेश नहीं, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों और सरकार के लिए गंभीर चेतावनी हैं। जैसे-जैसे मंदिर परिसर में धार्मिक और सरकारी कार्यक्रम होते जा रहे हैं, सुरक्षा का दायरा और सतर्कता दोनों बढ़ाने की जरूरत है।
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