वैश्विक बाजारों में आर्थिक अनिश्चितता बढ़ने के बीच सुरक्षित निवेश की मांग तेज हो गई है। बुधवार को एशियाई कारोबार में सोने की कीमतों में मजबूती दर्ज की गई, जबकि चांदी ने अब तक का सबसे ऊंचा स्तर छूकर नया रिकॉर्ड बना दिया। निवेशकों का रुझान एक बार फिर से सुरक्षित संपत्तियों की ओर बढ़ता दिख रहा है।
स्पॉट गोल्ड 0.8 प्रतिशत की बढ़त के साथ 4,334.68 डॉलर प्रति तोला पर पहुंच गया, जबकि फरवरी वायदा सोना 4,365.30 डॉलर प्रति तोला पर कारोबार करता देखा गया। सोना अब अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से महज करीब 50 डॉलर दूर है।

वहीं चांदी की कीमतों में जोरदार उछाल देखने को मिला। स्पॉट सिल्वर 3.6 प्रतिशत की तेजी के साथ 66.31 डॉलर प्रति तोला के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, जबकि चांदी वायदा 4.5 प्रतिशत चढ़कर 66.43 डॉलर प्रति तोला पर पहुंच गई। विशेषज्ञों के अनुसार 2026 में चांदी की आपूर्ति में कमी की आशंका और औद्योगिक मांग बढ़ने से कीमतों को और सहारा मिल सकता है।
चांदी बनी क्रिटिकल मेटल
अमेरिकी सरकार द्वारा चांदी को इस वर्ष ‘क्रिटिकल मेटल’ घोषित किए जाने से भी इसकी मांग में इजाफा हुआ है। कम कीमत पर सोने जैसी स्थिरता देने वाली चांदी निवेशकों की पहली पसंद बनती जा रही है। यही कारण है कि 2025 में अब तक चांदी की कीमतें 100 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुकी हैं।

अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सुस्ती से बढ़ी चिंता
सोने-चांदी की चमक के पीछे अमेरिका से आए कमजोर आर्थिक आंकड़े बड़ी वजह बने हैं। हालिया नॉन-फार्म पेरोल रिपोर्ट और बढ़ी हुई बेरोजगारी दर ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। अमेरिका में बेरोजगारी दर चार साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है।
इसके अलावा दिसंबर के कमजोर पीएमआई आंकड़े और अक्टूबर के खुदरा बिक्री आंकड़ों में सुस्ती के संकेत मिले हैं। फेडरल रिजर्व द्वारा दिसंबर में दोबारा बॉन्ड खरीद कार्यक्रम शुरू करने से भी बाजार में तरलता और ब्याज दर कटौती की अटकलें तेज हो गई हैं, जो सोने जैसी बिना ब्याज वाली संपत्तियों के लिए सकारात्मक मानी जाती हैं।
निवेशकों की नजर महंगाई आंकड़ों पर
अब निवेशकों की नजर गुरुवार को जारी होने वाले अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आंकड़ों पर टिकी है। इन आंकड़ों से यह संकेत मिलेगा कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की आगे की दिशा क्या रहने वाली है और सुरक्षित निवेश की मांग किस ओर बढ़ेगी।


