राजस्थान में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को पहली ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी है। इस प्रक्रिया के तहत राज्यभर में 41 लाख 85 हजार से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं, जबकि लगभग 11 लाख ऐसे मतदाता हैं, जिनकी मैपिंग पूरी नहीं हो सकी और उन्हें नोटिस जारी किए जाएंगे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट और निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार राजस्थान में एसआईआर कार्यक्रम चलाया गया था। इसके तहत स्थानांतरित, दिवंगत, अनुपस्थित और डुप्लिकेट मतदाताओं की पहचान कर नाम हटाए गए हैं। जिन मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट सूची से कटे हैं, उन्हें अलग से नोटिस नहीं दिया जाएगा, लेकिन यदि उन्हें आपत्ति है तो वे निर्धारित अवधि में दस्तावेज प्रस्तुत कर दावा कर सकते हैं।

17 दिसंबर से 15 जनवरी तक मौका
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि जिन मतदाताओं के नाम सूची से हट गए हैं या जिनकी मैपिंग नहीं हो पाई है, वे 17 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक अपने दस्तावेज प्रस्तुत कर पुनः मतदाता सूची में नाम जुड़वा सकते हैं। इसके लिए फॉर्म-6 के साथ एक घोषणा पत्र भी देना होगा। BLO के माध्यम से ऑफलाइन जांच और दावा-आपत्ति की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।
क्यों हटे इतने नाम?
निर्वाचन आयोग के अनुसार, एसआईआर प्रक्रिया में यह सामने
24.80 लाख मतदाता (लगभग 5.43%) स्थायी रूप से अन्य स्थानों पर स्थानांतरित हो चुके हैं।
4.57 लाख मतदाता अनुपस्थित पाए गए।
8.75 लाख मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है।
3.44 लाख नाम डुप्लिकेट पाए गए।
अन्य कारणों (गुमशुदगी आदि) से लगभग 27 हजार नाम हटाए गए।


