बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दोनों चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है और 14 नवंबर को 243 सीटों के नतीजे घोषित होने हैं। इनमें से 15 सीटों पर सबकी नजर है, जहाँ बाहुबली या उनके परिजन चुनावी मैदान में हैं। ग्राउंड रिपोर्ट और पॉलिटिकल पार्टियों के इंटरनल सर्वे से मिले इनपुट के आधार पर विश्लेषण बताता है कि 9 सीटों पर बाहुबली उम्मीदवार आगे हैं, जबकि 6 सीटों पर कड़ा मुकाबला है या वे पीछे चल रहे हैं।
शहाबुद्दीन का ‘सिम्पेथी’ चला! रघुनाथपुर में ओसामा शहाब ने विरोधियों को पछाड़ा
मोकामा सीट पर JDU के अनंत सिंह अपनी रॉबिनहुड छवि और भूमिहार बहुल इलाके में जातिगत वोटों के ध्रुवीकरण के दम पर आगे चल रहे हैं। वहीं, कुचायकोट से JDU के अमरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू पांडे नीतीश की चलाई योजनाओं और अपने मजबूत आधार के कारण छठवीं बार जीत की ओर बढ़ते दिख रहे हैं। मांझी में JDU के रणधीर सिंह (प्रभुनाथ सिंह के बेटे) राजपूत वोटों के संगठन और मौजूदा विधायक के खिलाफ एंटी-इनकम्बेंसी के चलते आगे हैं। रुपौली में RJD की बीमा भारती गंगोता, मुस्लिम और यादव मतदाताओं के अपने मजबूत 45% वोटबैंक के दम पर बढ़त बनाए हुए हैं।
सीवान की रघुनाथपुर सीट पर RJD के ओसामा शहाब (शहाबुद्दीन के बेटे) को उनके पिता के सिंपेथी वोट का बड़ा फायदा मिल रहा है। इसके अलावा, पीएम मोदी और अमित शाह की रैलियों में उन पर निशाना साधने से मुस्लिम और यादव वोट संगठित हो गए हैं, जिससे उनकी जीत की राह आसान दिखती है। तरारी से BJP के प्रशांत विशाल (सुनील पांडे के बेटे) अपने काम और 900 करोड़ की योजनाओं के चलते भूमिहारों के मजबूत समर्थन से माले की मजबूत सीट पर आगे चल रहे हैं। नबीनगर से JDU के चेतन आनंद (आनंद मोहन के बेटे) राजपूत बहुल इलाके में अपने परिवार के प्रभाव के कारण बढ़त पर हैं, जहाँ पिता आनंद मोहन बागी तेवरों को शांत कराने में जुटे हैं।
दानापुर में इमोशनल कार्ड का असर- जेल में बंद रीतलाल को बेटी के आँसू ने दी कड़ी टक्कर
वारिसलीगंज में अशोक महतो की पत्नी अनीता देवी BJP की अरुणा देवी के खिलाफ एंटी-इनकम्बेंसी और पिछड़ा वोट के संगठित होने से आगे निकल गई हैं। अंत में, जोकीहाट में RJD के शाहनवाज आलम को RJD-कांग्रेस गठबंधन के साथ-साथ मंत्री पद पर रहने का फायदा मिल रहा है।
दूसरी ओर, 6 सीटों पर मुकाबला कड़ा है या बाहुबली पीछे हैं। दानापुर में RJD के रीतलाल यादव पहले पीछे थे, लेकिन जेल में होने के कारण उनकी बेटी के प्रचार और लालू यादव के रोड शो से यादव-मुस्लिम वोट संगठित हुए हैं, जिससे अब यह सीट कड़ी टक्कर में बदल गई है।
मुखिया हत्याकांड का साया! ब्रह्मपुर में हुलास पांडे को सवर्ण वोटों ने दिया धोखा
ब्रह्मपुर सीट पर LJP(R) के हुलास पांडे फिलहाल पीछे चल रहे हैं क्योंकि RJD के पास यादव (26%), मुस्लिम और दलितों का संगठित 40% वोटबैंक है। रणवीर सेना प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में नाम आने की वजह से सवर्ण वोट भी उन्हें नहीं मिल रहा, जिससे उनकी मुश्किल बढ़ गई है। एकमा में JDU के मनोरंजन सिंह धूमल को RJD के मजबूत यादव-मुस्लिम-दलित वोटबैंक और उनकी आपराधिक छवि के कारण बनिया-EBC वोटरों की नाराजगी झेलनी पड़ रही है।
बेटी को नहीं मिली विरासत! लालगंज में मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी के सामने BJP का क्लीन इमेज हावी
नवादा में राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी (JDU) पीछे हैं, जहाँ जन सुराज के उम्मीदवार के मैदान में उतरने से भूमिहार वोट बंट गया है और ग्रामीण मतदाता कौशल यादव के पक्ष में नजर आ रहे हैं। लालगंज में मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला (RJD) को BJP उम्मीदवार संजय सिंह की अच्छी छवि और संगठित वोटबैंक से कड़ा मुकाबला मिल रहा है। शिवानी को भूमिहार वोट के बंटवारे और कांग्रेस के नाराज वोटबैंक का नुकसान हो रहा है। अंत में, बाढ़ सीट पर RJD के कर्णवीर सिंह उर्फ लल्लू मुखिया अपनी खराब छवि के कारण पीछे हैं, जबकि 80% राजपूत, भूमिहार और ब्राह्मण वोट NDA उम्मीदवार को जा रहा है।
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Dr Nisar-ul-Hassan, a former assistant professor at Srinagar's SMHS Hospital who was dismissed by the Jammu and Kashmir government in 2023 for alleged anti-national...