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November 12, 2025

Thiruvantpuram: पद्मनाभस्वामी मंदिर का वो तहखाना जो सदियों से बंद है, आखिर क्या छिपा है Vault B में?

The CSR Journal Magazine
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी समृद्धि और रहस्य इसे दुनिया के सबसे चर्चित मंदिरों में शामिल करते हैं। मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, जो शेषनाग पर शयन मुद्रा में विराजमान हैं। तिरुवनंतपुरम का नाम भी इसी भगवान के अनंत (शेषनाग) के नाम पर पड़ा है।

Vault B का रहस्य

वर्ष 2011 में बाकी पांच तहखानों को खोला गया था, जहां से अरबों-खरबों रुपये मूल्य की स्वर्ण-रजत संपत्ति, रत्न और ऐतिहासिक धरोहरें मिलीं। लेकिन इन तमाम खुलासों के बावजूद Vault B आज भी बंद है और यही इसे सबसे विशेष बनाता है। त्रावणकोर शाही परिवार और मंदिर प्रशासन का मानना है कि Vault B को खोलना भगवान पद्मनाभस्वामी की इच्छा के विरुद्ध होगा। मंदिर के धार्मिक अनुष्ठान ‘देवप्रस्नम’ के अनुसार, इस तहखाने को खोलना अशुभ संकेत माना गया है, जिससे असफलता, आपदा या संकट आ सकता है। इसी वजह से प्रशासन और पुजारी इसे छेड़ने से बचते हैं। Vault B में क्या छिपा है, इसका कोई ठोस प्रमाण या आधिकारिक जानकारी अब तक सामने नहीं आई। फिर भी इसे मंदिर का सबसे मूल्यवान, पवित्र और शक्तिशाली स्थान माना जाता है।

ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व

मंदिर की स्थापना 8वीं सदी में हुई और पुनर्निर्माण 18वीं सदी में राजा मार्तंड वर्मा ने करवाया। मंदिर का गर्भगृह 18 फीट लंबी विष्णु मूर्ति से भरा है, जिसमें 12,008 शालिग्राम पत्थर हैं। मूर्ति को अलग-अलग दरवाजों से देखा जा सकता है सिर और सीना पहले, हाथ दूसरे, पैर तीसरे दरवाजे से।वार्षिक उत्सव: मुरजपम और भद्र दीपम का आयोजन किया जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं।

वास्तुकला और स्थापत्य

मंदिर का निर्माण द्रविड़ और केरल शैली के मिश्रण में हुआ है। इसका सात मंजिला गोपुरम और स्वर्ण स्तंभ इसकी भव्यता को बढ़ाते हैं। विशाल गलियारे में 365+1/3 खंभे हैं, जिन पर सुंदर नक्काशी की गई है। नवग्रह मंडप, मुख मंडप और बाली पीड़ा मंडपम जैसी कलाकृतियां धार्मिक कथाओं को जीवंत करती हैं। परिसर में पद्मतीर्थ कुलम नाम का सरोवर भी है।
2011 में सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के तहखानों की जांच कराई, जिसमें अन्य Vaults से अरबों की संपत्ति मिली। लेकिन Vault B को खोलने पर रोक लगी है ताकि मंदिर की पवित्रता और सुरक्षा बनी रहे। मंदिर का प्रशासन थांत्री, जिला न्यायाधीश, राज्य और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों तथा शाही परिवार के सदस्यों की समिति के अधीन है।

प्रशासन और संपत्ति

मंदिर और उसकी संपत्ति भगवान पद्मनाभस्वामी की हैं। पहले इसका प्रशासन त्रावणकोर शाही परिवार करता था। प्रशासन समिति में थांत्री, जिला न्यायाधीश, राज्य और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि और शाही परिवार के सदस्य शामिल हैं। मंदिर में केवल हिंदु श्रद्धालु प्रवेश कर सकते हैं। पुरषों को धोती/मुंडु, और महिलाओं को साड़ी/सेट-मुंडु पहनना अनिवार्य है। मंदिर में धूप-दीप, शंखनाद और अन्य धार्मिक अनुष्ठान लगातार चलते रहते हैं।
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर केवल भारत का धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और रहस्यमयी धरोहर भी है। Vault B का रहस्य आज भी बरकरार है, और यह करोड़ों श्रद्धालुओं, इतिहासकारों और शोधकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मंदिर की भव्यता, पवित्रता और Vault B का रहस्य इसे विश्व का सबसे रहस्यमयी और धनी मंदिर बनाते हैं।
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